कुछ यादें बेतरतीब सी
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गोइंका व्यंग्यभूषण सम्मान 2018
उपन्यास
अपने गिरेबां में !!!
लघुकथाएं ..
व्यंग्य श्री - २००१४
कुछ यादें बेतरतीब सी
15.5.17
इंडियन काफ़ी हॉउस में इराक की एक चर्चा गोष्ठी / १४-५-१७
इंदौर में यों तो धर्म केंद्रित मोहल्ले, जाति केंद्रित मोहल्ले बहुत हैं . लेकिन मराठी समाज के मोहल्लों की बात चौंकाने वाली है . इराक में संस्मरणों के दौरान बता रहे हैं डॉ सरोज कुमार .
1.5.17
कवि कृष्णकांत निलोसे और कथाकार सूर्यकान्त नागर के साथ एक विमर्श में
१६ अप्रेल २०१७
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