कुछ यादें बेतरतीब सी
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अपने गिरेबां में !!!
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व्यंग्य श्री - २००१४
कुछ यादें बेतरतीब सी
21.7.14
ब्रजेश कानूनगो,अश्वनी कुमार दुबे,जवाहर चौधरी, नन्दलाल भारती, प्रेम जनमेजय,प्रभु जोशी,सूर्यकांत नागर - 19 -7 -14 को हिंदी साहित्य समिति में।
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