कुछ यादें बेतरतीब सी
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गोइंका व्यंग्यभूषण सम्मान 2018
उपन्यास
अपने गिरेबां में !!!
लघुकथाएं ..
व्यंग्य श्री - २००१४
कुछ यादें बेतरतीब सी
27.6.15
आलोचक श्री विजयबहादुर सिंह के ७५ वें जन्मदिवस समारोह के अवसर पर
बांये से -- हरेराम वाजपई, कथाकार शशांक, विजयबहादुर सिंह, रमेश दवे , सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी और राकेश शर्मा।
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