कुछ यादें बेतरतीब सी
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उपन्यास
अपने गिरेबां में !!!
लघुकथाएं ..
व्यंग्य श्री - २००१४
कुछ यादें बेतरतीब सी
19.3.16
१९-३-१६ की एक शाम अहिल्ल्या लायब्रेरी में .....
([खड़े हुए) रविन्द्र व्यास, देवेन्द्र रेनवा, रजनीरमण शर्मा, जवाहर चौधरी, सुरेश उपाध्याय, मुकेश इंदौरी,अमरदीप सिंग (बैठे हुए) प्रभु जोशी, जीवन सिंग ठाकुर, राजकुमार कुम्भज, कृष्णकांत निलोसे, अश्विनी कुमार दूबे.
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