4.8.11

१९९० के आसपास कभी ...

व्यंग पाठ करते जवाहर चौधरी , बीच में बैठे हुए साहित्यकार चैतन्य  त्रिवेदी .
( दो अन्य - स्व .आर एल पाटनी और स्व . भामावत )

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें