कुछ यादें बेतरतीब सी
इन्हें भी देखें --
गोइंका व्यंग्यभूषण सम्मान 2018
उपन्यास
अपने गिरेबां में !!!
लघुकथाएं ..
व्यंग्य श्री - २००१४
कुछ यादें बेतरतीब सी
4.8.11
१९९० के आसपास कभी ...
व्यंग पाठ करते जवाहर चौधरी , बीच में बैठे हुए साहित्यकार चैतन्य त्रिवेदी .
( दो अन्य - स्व .आर एल पाटनी और स्व . भामावत )
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